आज विद्यार्थी परिषद् के संस्थापक स्वर्गीय दत्ताजी डीडोलकर का जन्मदिन .
आज महाराष्ट्र के विश्व विद्यालय के सभी सिनेट सदस्यों की मुंबई में बैठक थी
मुझे विषय के प्रारम्भ में ही उनकी याद आयी, कैसे वो ऐसे विवादों के स्थान पर रह कर भी सर्वमान्य तथा अजात शत्रु बन सके. उन्होंने न जाने कितने कार्यकर्ताओ को अपने जीवन के उदाहरनो से प्रेरित किया. सदा हसमुख तथा स्वागतशील वे कैसे बने रहते थे, --.. बस हम कुछ थोडा ही सिख ले ... यही श्रद्धांजलि ..........